ગીત-સંગીત

चन्दन है इस देश की माटी, तपोभूमि हर ग्राम है । हर बाला देवी की प्रतिमा, बच्चा-बच्चा राम है । हर शरीर मन्दिर सा पावन, हर मानव उपकारी है, जहाँ सिंह बन गये खिलौने, गाय जहाँ माँ प्यारी है,
हरी-हरी वसुंधरा पे नीला-नीला ये गगन कि जिसपे बादलों की पालकी उड़ा रहा पवन दिशाऐं देखो रंग भरीऽऽऽ दिशाऐं देखी रंग भरी, चमक रहीं उमंग भरी