હિન્દી
जय भगवद् गीते, जय भगवद् गीते ।
हरि-हिय-कमल-विहारिणि सुन्दर सुपुनीते ॥
कर्म-सुमर्म-प्रकाशिनि कामासक्तिहरा ।
तत्त्वज्ञान-विकाशिनि विद्या ब्रह्म परा ॥ जय ॥
आलस्य त्यज कर आत्म उन्नति के लिये आगे बढो,
सुखशांति का भंडार तुम में है भरा, गीता पढो.
भगवान के तुम अंश हो बतला रही गीता तुम्हें,
पर मोह निद्रा मग्न सोते, काल बहु बीता तुम्हें.
આ આત્માને શસ્ત્રો છેદી નથી શકતા, અગ્નિ બાળી નથી શકતો, જળ પલાળી નથી શકતું અને વાયુ સૂકવી નથી શકતો. કારણ કે આ આત્મા અચ્છેદ્ય (છેદી ન શકાય એવું) છે, આ આત્મા અદાહ્ય (બાળી ન શકાય એવું) છે, અક્લેદ્ય (...
સ્વામી પરમાનંદ દ્વારા હરિદ્વારમાં "આત્મ દર્શન" વિષય પર કરવામાં આવેલ પ્રવચન. ભાગ ૧
आना पवन कुमार, हमारे ईस मंदिर में
आप भी आना, संग राम जी को लाना,
हरे रामा, हरे रामा, रामा रामा, हरे हरे,
आप भी आना संग रामा जी को लाना,
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ,
अज्ञानता से हमें तार दे माँ
तू स्वर की देवी ये संगीत तुझ से,
हर शब्द तेरा है हर गीत तुझ से,
म्हारां री गिरधर गोपाल दूसरां णा कूयां ।
दूसरां णां कूयां साधां सफल लोक जूयां ।
भाया छांणयां, बन्धा छांड्यां सगां भूयां ।
इतना तो करना स्वामी, जब प्राण तन से निकले,
गोविंद नाम लेकर, फिर प्राण तन से निकले ।
श्री गंगाजी का तट हो, या यमुनाजी का बट हो,
मेरा सांवरा निकट हो... जब प्राण...
चन्दन है इस देश की माटी, तपोभूमि हर ग्राम है ।
हर बाला देवी की प्रतिमा, बच्चा-बच्चा राम है ।
हर शरीर मन्दिर सा पावन, हर मानव उपकारी है,
जहाँ सिंह बन गये खिलौने, गाय जहाँ माँ प्यारी है,
हरी-हरी वसुंधरा पे नीला-नीला ये गगन
कि जिसपे बादलों की पालकी उड़ा रहा पवन
दिशाऐं देखो रंग भरीऽऽऽ
दिशाऐं देखी रंग भरी, चमक रहीं उमंग भरी